क्या इन्हीं कारणों से चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने दिया इस्तीफा या कुछ और थी बड़ी वजह! – News18 हिंदी

हाइलाइट्स

अरुण गोयल ने लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से कुछ ही दिन पहले चुनाव आयुक्त के पद से इस्तीफा दे दिया.
गोयल का कार्यकाल 5 दिसंबर, 2027 तक था और राजीव कुमार के बाद वह अगले मुख्य चुनाव आयुक्त बनाए जाते.

नई दिल्ली. चुनाव आयोग से इस्तीफा दे चुके चुनाव आयुक्त अरुण गोयल की मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार से कई मसलों पर मतभेद थे. सूत्रों के मुताबिक, अरुण गोयल के मतभेद मुख्य चुनाव आयुक्त से किसी पॉलिसी विषय पर न होकर चुनाव आयोग के प्रशासनिक विषय, Logistics, Establishment, प्रेस वार्ता जैसे मसलों से जुड़े थे.

चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने लिखित तौर पर पॉलिसी से जुड़े किसी मुद्दे पर असहमति नहीं जाहिर की थी. लेकिन, सूत्रों के मुताबिक चुनाव आयोग की प्रशासनिक और कार्यशैली से जुड़े कई मसले पर सवाल खड़ा करते थे. अरुण गोयल और ऐसे मसलों पर मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के फैसले के साथ नहीं थे.

सूत्रों के मुताबिक, चुनाव आयोग के कार्यालय के अंदर renovation से जुड़े कार्यों पर अक्सर अरुण गोयल सवाल खड़ा करते थे और चुनाव आयोग में renovation के काम से असहमत थे. चुनाव आयोग के कार्यालय के कैंपस में एक मीडिया रूम बना है और renovation के कई काम हुए हैं. इन कामों को मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार नई वक्त के जरूरत के तौर और बदलाव के तौर पर देखते थे, ताकी चुनाव आयोग की रूपरेखा बदले, लेकिन अरुण गोयल इसे फिजूलखर्ची से जोड़ते थे.

दूसरा, सूत्रों ने बताया की चुनाव आयुक्त अरुण गोयल चुनाव के दौरान चुनाव आयोग की राज्यों के दौरे के दौरान प्रेस वार्ता करने के पक्ष में नहीं रहते थे और सिर्फ प्रेस बयान जारी करने के पक्ष में थे. गोयल अपने कार्यकाल के शुरुआती दौर से ही प्रेस वार्ता न करने के पक्ष में थे, लेकिन मुख्य चुनाव आयुक्त प्रेस वार्ता की वर्षों से चली आ रही परिपाटी को चला रहे थे. चुनाव आयोग ने अपनी इस परिपाटी को मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के नेतृत्व में भी जारी रखा जब अरुण गोयल के अलावा चुनाव आयुक्त के तौर पर अनूप चंद्र पांडे भी मौजूद थे.

तीसरा, सूत्रों के मुताबिक चुनाव आयुक्त अरुण गोयल चाहते थे की चुनावी राज्यों के दौरे पर जाने वाली चुनाव आयोग की टीम में सदस्यों की संख्या को छोटा रखा जाए. अरुण गोयल के पक्ष को ध्यान में रखकर मुख्य चुनाव आयुक्त ने टीम को छोटा भी किया था. दरअसल हाल के वर्षों में चुनावी दौरे के दौरान चुनाव आयोग के साथ जाने वाले टीम में सदस्यों की संख्या में इजाफा हुआ है. सूत्रों ने बताया की चुनाव तैयारियों में कुछ विभागों की भूमिका हाल के वर्षों में बढ़ी है जिसकी वजह से संबंधित अधिकारियों को चुनाव आयोग की दौरे वाली टीम में शामिल किया जाता रहा है.

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चुनाव आयोग में अधिकारी कर्मचारी स्तब्ध !

चुनाव आयोग के कर्मचारियों की बात करें या फिर अधिकारियों की, चुनाव आयोग अरुण गोयल के इस्तीफे से सभी लोग स्तब्ध हैं. सूत्रों ने बताया की मतभेद की वजह कभी नीतिगत विषय पर अरुण गोयल की तरफ से नहीं दिखी, कार्यशैली के मसले पर जरूर थी. लेकिन चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया की मतभेद की जो वजह थी वो ऐसी नहीं थी, जिसकी वजह से कोई चुनाव आयुक्त के इस्तीफे की उम्मीद करे.

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बड़ा सवाल!

इन मतभेदों के बीच बड़ा सवाल यह है कि क्या चुनाव आयुक्त अरुण गोयल इन मतभेदों की वजह से अपने पद से इस्तीफा दे दिया या कोई बड़ी वजह थी.

Tags: 2024 Lok Sabha Elections, Election commission, Loksabha Elections

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