सामने से खींच ले गया और निवाला बना लिया, पहले ऐसा कभी नहीं हुआ था यहां, इलाके में दहशत

हाइलाइट्स

झारखंड के गढ़वा जिले मे शावक के साथ दिखा बाघ, दो पशुओं का किया शिकार.
वन विभाग को मिला पग चिन्ह, डीएफओ ने की पुष्टि, पहली बार हुई आधिकारिक पुष्टि.
छत्तीसगढ़ और पीटीआर से गढ़वा आया, मेराल वन क्षेत्र के गोबरदहा-भौराहा में दिखा.
वन विभाग के अलर्ट के बाद की जा रही माइकिंग, लोगों को किया जा रहा जागरूक.

चंदन कुमार कश्यप/गढ़वा. झारखंड के गढ़वा जिले मे एक बार फिर बाघ का दहशत देखने को मिल रहा है. बाघ द्वारा अब तक दो पशुओं को अपना निवाला बनाया जा चुका है. बाघ के आने की खबर मिलते ही वन विभाग सक्रिय हो गया है. घटना गढ़वा उतरी वनक्षेत्र स्थित गोबरदाहा जंगल में सामने आया है. यहां बाघ द्वारा दो पशुओं का शिकार किये जाने का यह मामला उसी गांव के शिवनाथ यादव के पशुशाला का है. पशु को बाघ द्वारा ही खाया गया है, इसकी पुष्टि खुद पलामू जोन के सीएफ सह डीएफओ दिलीप यादव ने की है. वहीं, कुछ लोगों द्वारा बाघ के साथ एक शावक के भी होने की बात कही जा रही है. लेकिन, शावक के साथ होने पुष्टि वन विभाग की ओर से नहीं की जा सकी है.

यह पहला मौका है जब गढ़वा जिले में बाघ होने की पुष्टि हुई है. इससे क्षेत्र के लोग दहशत में आ गये हैं. बाघ देखे जाने की पहली घटना तीन मार्च सुबह पांच बजे की बतायी गयी है. लेकिन, इसकी पुष्टि होने में छः दिन समय लग गया है. इस संबंध में बताया गया है कि शिवनाथ यादव दूध का व्यवसाय करते हैं और उनके पास 20-25 भैंसे हैं. वह प्रतिदिन की तरह तीन मार्च की सुबह चार बजे अपने भैंसों को चराने के लिये गोबरदाहा जंगल ले गये थे.

सामने से घसीटकर लेकर गया बाघ

बताया जा रहा है कि पशु चरने में व्यस्त थे, लेकिन इसी दौरान करीब पांच बजे एक तीन साल के भैंस के ऊपर घात लगाये बाघ ने हमला कर दिया. बताया जा रहा है कि हमला करने के बाद बाघ ने उस भैंस को मार डाला तथा करीब दो सौ मीटर दूर घसीटकर ले गया. डर की वजह से शिवनाथ यादव उस ओर नहीं गए. कुछ देर बाद जब वे उस ओर गये तो पाया गया उनके भैंसे के शरीर की गर्दन तरफ का काफी मांस खाने के बाद बाघ जा चुका था.

बाघ से सतर्क रहने की अपील

बाघ के भैंस पर हमले इस सूचना के बाद डीएफओ दिलीप यादव प्रशिक्षु डीएफओ एबीन डेनी एंब्राहम ने वनरक्षी के साथ घटनास्थल का निरीक्षण किया. साथ ही इसकी जांच के लिये फुटमार्क की तस्वीर को जांच के लिये रांची भेजा गया. इस घटना के बाद गोबरदाहा, चामा, पेशकला, दुलदुलवा, सिगसिगा, बौराहा आदि क्षेत्र में वन विभाग की ओर से माइकिंग कर बाघ से सतर्क रहने की अपील की है.

वन विभाग ने बाघ आने की पुष्टि की

वहीं डीएफओ दिलीप ने कहा की यह पग चिन्ह बाघ का है. दरअसल, इस क्षेत्र में दो नेशनल पार्क है. एक पलामू टाइगर रिजर्व और दूसरा छत्तीसगढ़ की सीमा से लगा हुआ टाइगर रिजर्व बाघ है. संभव है कि इसके चलते ही यह बाघ यहां आया होगा. उन्होंने कहा की हम सतर्क हैं और लोगों को भी जागरूक किया जा रहा है कि वह भी सचेत रहें और स्वयं के साथ ही अपने जानवरों का भी ध्यान रखें.

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