Baba Sidh Goriya History In Hindi,सिद्ध गोरियां नाथ की कहानी (2024)

Baba Sidh Goriya : बाबा सिद्ध गोरिया की समाधि सवांखा की पूरी कहानी,( Baba Sidh Goriya History In Hindi) Times India Express Publish By Pandit Anil Raina Updated

बाबा सिद्ध गोरिया जी कलयुग में जिनका नाम बड़े ही आधार से लेते हैं और बहुत सारे लोग इन्हें कुल देवता के रूप में भी पूजते हैं. नाग देवता बाबा सुरगुल देवा जी इनके मित्र है और यहां बाबा गोरिया जी का स्थान होगा बहा सुरगल नाग देवता भी साथ होते हैं.(Baba Sidh Goriya History In Hindi) सिद्ध गोरिया जी की समाधि स्थल में को श्रदालु अपनी झोली फैला कर अरदास करता है उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती हैं. आओ आपको बाबा जी के जीवन की पावन कथा सुनाए जिसको सुनने से पाप मुक्ति मिलती है और बाबा की किरपा होती है . जय कारा बाबा सिद्ध गोरिया जी दा बोल सांचे दरबार की जय

Baba Sidh Goriya History In Hindi

सिद्ध गोरिया जी की कहानी(Baba Sidh Goriya History In Hindi)

बाबा सिद्ध गोरिया जी पिछले जन्म में काशी में एक मच्छ (बड़ी मशली) जिसका बहुत बड़ा आकार था और काशी के एक तालाब में रहते थे.और लोग तलाव में आटा डालते थे एक बार काशी में अकाल पड़ा लोग भूख से तड़प रहे थे वर्षा ना होने से सब सूखने लगा और तालाब भी सूख गया जिस से मच्छ बाहर निकल गया और लोग भूख से व्याकुल होकर काट काट कर खाने लगे .उस समय काशी में एक ब्राह्मण परिवार भी था तो ब्राह्मणी अपने पति से बोली अकाल से जीवन बेहाल हो गया है चलो किसी अन्य देश में चलते हैं पर बच्चो ने कई दिनों से कुछ खाया नही है आप भी मश्ली को थोड़ा काट के ले आओ बच्चो के लिए ताकि बच्चो को चलने में दिक्कत न हो.

ब्राह्मण ना चाहते हुए भी तालाब में गया और देखता है की लोग सारा काट के ले गए हे सिर्फ अब मुख बचा है तो ब्राह्मण वापिस जाने लगता है तो पीछे से आवाज आई है ब्राह्मण रुको मैं एक मच्छ हु और लोग मेरा पूरा बदन काट कर ले गए हे पर मेरे प्राण मेरे मुंड में अडके हे किरपा करके आप मेरी मुंडी को दो हिस्सो मे काटे और मेरे प्राण  निकले और में ये अहसान आपका अगले जन्म में चुकाऊंगा और जिसने जिसने मुझे काटा है उनसे में बदला भी लूंगा . ब्राह्मण ने मुंड के हिस्से किए और अंतिम संस्कार कर दिया जिस से मश्लि मच्छ् को मुक्ति मिली. समय बदला और ब्राह्मण का दूसरा जन्म जम्मू कश्मीर के स्वनाखा में हुआ. और मच्छ का भी .

बाबा सिद्ध गोरिया जी की कथा (Baba Sidh Goriya History In Hindi)

बाबा सिद्ध गोरिया जी का जन्म: गोरविंद नामक शहर में एक मुगल बादशाह था जिसकी बहुत खूबसूरत बेटी थी शादी के लिए उसने आस पास के नबाब बादशाहो को भुलाया और सभा में अपनी बेटी को कहा की जो तुम्हे अच्छा लगे उसके गले में माला डाल दो .राजकुमारी ने सभी को देखा तो सबसे खूबसूरत अपने राज का सेनापति जो की हिंदू नौजवान युवक था उसके गले में माला डाल कर कहा हे पिता जी सबसे खूबसूरत इन सबमें यही है. इस दृश्य को देखकर सारे नबाब बादशाह बोले राजा तेरी बेटी ने एक हिंदू काफिर को चुना है जिसकी सजा इनको मिलनी चाहिए और राजा ने अपनी बेटी और सेनापति को एक ही कब्र में जिंदा दफन कर दिया.

समय बदला और उस कब्र से रोज एक बालक निकलता और लोगो को मरता पीट देता और वापिस उसी कब्र में छुप जाता ये मामला फेल गया और राजा तक पहुंच गया और राजा अपनी बेटी की कब्र पर गया और जब बच्चे को देखा तो उसने बच्चे को पलने का फैसला किया और बच्चे को महलों में ले आया और बच्चे का नाम रखा गोरी बहुत खूबसूरत लड़का जिसका रंग गोरा आंखे नीली जो भी देखे मदहोश हों जाए पर गोरी का सहवाव बहुत गर्म गुस्सा हमेशा नाक पर जिसे मन करता पीट देता छोटा बड़ा हर कोई गोरी से डरता एक दिन एक बजुर्ग को पीटा तो बाजुर्ग ने कहा अपने नाना को कुछ नहीं कहता जिसने तेरे माता पिता जिंदा दफन किए.

गोरी को सारी असलियत पता चली और नाना को मारने का विचार बनाया और दरबार में आया और राज गद्दी पर बैठे नाना को बोला आप उठो मुझे यहां बैठना है और नाना ने जैसे ही गद्दी पर बैठाया गोरी ने नाना की गर्दन तलवार से काट दी और एलान कर दिया अब से में राजा हु और मेरा हुक्म ना मानने वाले के साथ क्या होगा उसका अंजाम सोच कर फैसला करना सारी प्रजा गोरी से डरने लगी और गोरी रोज लोगो की हत्या करने लगा .किसी को हुक्म दे देता की अपने हाथो से कुंआ खोदो और दो दिन के अंदर में उसका पानी पीने आऊंगा नही पानी आया तो उसमे दफन कर दूंगा गोरी का आतंक फेल गया औरते बच्चे बूढ़े सब की मौत गोरी के हाथों से होने लगी.

सिद्ध गोरिया और दर्जी (Baba Sidh Goriya History In Hindi)

सिद्ध गोरिया एक दिन नगर से निकल रहे थे तो एक दर्जी पर नजर पड़ी और उसे दरबार में भुलाया और कहा हमारे लिए एक पोशाक बनाओ और ये कपड़ा ले जाओ पर इसे काटे बिना सुई धागा लगाए मेरी पोशाक बनाना और सात दिन का समय दिया नही बना पाओगे तो अंजाम तुम्हे मालूम है.दर्जी कपड़ा लेकर चला गया ओर अपने परिवार से बोला अब सिर्फ सात दिन का समय है मेरे पास उसके बाद राजा के हाथो मौत होना पक्का है पूरा परिवार रोने लगा सात दिन बीत गए तो दर्जी तालाब पर नहाने गया और बैठ कर रोने लगा

गुरु गोरख नाथ जी ने सिद्ध गोरिया को बनाया चेला (Baba Sidh Goriya History In Hindi)

दर्जी तालाब पर रो रहा था उसी समय गुरु गोरख योगी अपने चेलों के साथ गुजर रहे थे और रोते देख दर्जी से पूछा क्या हुआ क्यों रो रहे हो.दर्जी ने सारी बात बताई और दर्जी से बह कपड़ा लिया और फाड़ कर अपने झोले में डाल दिया दर्जी ने देखा साधु ने तो कबाड़ा कर दिया हो सकता था की राजा को कपड़ा देख मुझ पर तरस आ जाता और छोड़ देता पर अब कपड़ा भी गया बह और जोर जोर से रोने लगा.गुरु गोरख नाथ जी ने जी ने झोले से कपड़ा निकाला और दर्जी देख हैरान हुआ और गोरख नाथ जी के चरणों में समर्पित हो कर धन्यवाद देकर बोला है भगवान आपने मुझे जीवन दान दे दिया है

दर्जी बह कपड़ा लेकर महल की ओर चल पड़ा और दरबार में राजा  के सामने कपड़ा फेंक दिया और कहा लो राजा अपनी पोशाक .गोरिया राजा ने पोशाक देखी बिना सुई धागा बिना काटे कैसे जुड़ गया कपड़ा और बहुत सुंदर पोशाक देखी राजा ने दर्जी को कहा बताओ ये सब कैसे किया पर दर्जी ने बताने से मना किया तो राजा ने उसे आधा सर तक जमीन में गाड़ दिया तो दर्जी ने कहा ये कमाल मेरे गुरु का हे में आपको उनके पास ले चलता हूं ओर दर्जी राजा गोरिया को गुरु गोरख नाथ जी के पास लेकर गया और गुरु गोरख नाथ जी को गोरिया ने देखा और साक्षात शिव को महसूस किया और चरणो में पड़ गया(Baba Sidh Goriya History In Hindi)

राजा ने कहा है महाराज मुझे क्षमा करें मेने जीवन में बहुत पाप किए हैं अब में सुधरना चाहता हूं ओर आपका चेला बनना चाहता हूं.गुरु गोरख नाथ बोले चेला बनना आसान नही पहले सेवा करो भक्ति करो अपने मन अपने आप पर काबू पाओ उसके बाद परीक्षा होगी फिर देखेंगे.गोरिया ने राजपाठ छोड़ा और जंगल में जाकर तपस्या करने लगा १२ साल बीत गए और गुरु गोरख नाथ आए और गोरिया को एक नदी में ले जाकर नाव में सवार कर दिया और नाविक को समझाया जब नदी में नाव चल रही थी तो नाविक ने गोरिया को चप्पू से मारा गोरिया को गुस्सा आया तो नाविक को नदी में धक्का दे दिया गोरख नाथ ने कहा अभी चेला बनने के लायक नहीं हों.(Baba Sidh Goriya History In Hindi)

दोबारा सेवा करो तप करो गोरिया ने १२ साल और तप किया फिर गुरु गोरख नाथ जी ने परीक्षा ली नदी में भेजा और नाविक ने गुस्सा दिलाया पर इस बार गोरिया ने नाविक के आगे हाथ जोड़ दिए कहा भाई जितना मन करता है मारो पीटो मेने बहुत अत्याचार किए हैं उसके आगे ये सजा कुछ भी नहीं.गुरु गोरख नाथ जी ने कहा बापिस ले आओ अब मेरा चेला बनने लायक हो गया है और अपने साथ गुरु गोरख नाथ गोरिया को ले गए और अपनी टोली में शामिल किया.एक दिन गुरु गोरख नाथ और गोरिया नगर घूम रहे थे और रात पड़ गई गोरख नाथ (Gorakh Nath) ने गोरिया को कहा मुझे भूख लगी है कही से रोटी ले आओ

गोरिया गांव में गया तो देखा अभी घर बंद हे लोग घरों के अंदर से रहे हैं तब एक घर पर नजर पड़ी इस घर से धुआं उठ रहा था गोरिया (Baba Goriya Nath) घर में गए तो देखा एक बूढ़ी औरत बैठी है गोरिया ने कहा मुझे एक रोटी चाहिए पर बूढ़ी औरत ने कहा फ्री में रोटी नही दूंगी बदले में एक आंख चाहिए . गोरिया ने अपनी आंख दी और रोटी ले जाकर गुरु को दी और गुरु गोरख ने कहा एक रोटी और ले आओ.गोरिया दूसरी आंख देकर रोटी ले आए और आंखों में कपड़ा बांध लिए जब गोरख नाथ ने पूछा आंखो मै कपड़ा क्यों बांधा है तो गोरिया बोले गुरु जी आंखे आई है

गोरख नाथ जी ने सिद्ध गोरिया को कहा की अपनी आंखो से कपड़ा हटाओ गोरिया कहने लगे प्रभु मेरी आंखे आई है (आंखे खराब है)गोरख नाथ ने कहा कपड़ा खोलो गुरु की आज्ञा मान कपड़ा खोल दिया और देखा आंखे बिलकुल ठीक है.गोरख नाथ ने कहा आज से तुम मेरे सिद्ध चेलों की श्रेणी में हो और जो दुनिया घूम कर जन मानस का कल्याण करो (baba sidh goriya nath ji) गुरु गोरख नाथ जी से आश्रीवाद लेकर तीर्थ यात्रा पर निकले और पहले हरिद्वार गए बहा पर नाग देवता सुर्गल (baba surgal nag dev) मिले दोनो के बीच मित्रता हो गई

Baba Sidh Goriya History In Hindi 2024

बावा सिद्ध गोरिया को गुरु गोरख नाथ के प्रताप और भक्ति से पिछले जन्म के बारे में सब ज्ञान हो गया था और दिए बचन अनुसार स्वंखा विजयपुर पुहंचे और (Baba Sidh Goriya History In Hindi) बाबा गांव में बैठे लोगो के पास गए और अलख जगाते हुए बोले मुझे भूख लगी हे और मेरा मन दूध पीने को कर रहा हे लोगों ने बाबा  से मजाक किया और कहा हमारे गांव में दीतो ब्राह्मण के घर चले जाओ  उसके घर जाकर दूध पी सकते हों बाबा सिद्ध गोरिया आदित्य ब्राह्मण के घर पहुंचे और देखते हैं वहां पर एक छपरा बना हुआ है और घर के हालत जो थे वह बड़े गरीबों के थे और एक बरगद का पेड़ जो बिल्कुल सूख चुका था बाबा घर में गए और अलका जागी(Baba Sidh Goriya History In Hindi)

बाबा ने अलका जगा कर कहा कि अगर कोई घर में है तो साधु को भिक्षा दो तो अंदर से एक बुधी माता की आवाज आती है और कहती है बाबा मैं बाहर नहीं आ सकती क्योंकि इस समय मेरा पति जो है वह बाहर भिक्षा मांगने गया हुआ है और हमारे पास एक ही चादर है जिस कारण मेरा अंदर बैठी हूं जब तक वह घर नहीं आ जाते मैं बाहर नहीं आ सकती बाबा सिद्ध गोरिया जाने जानते उन्होंने अंदर एक कपड़ा फेंका और कहा मैं इसे पहन कर बाहर आ जाओ मथुरा में बाहर आती है और घर से मिला थोड़ा सा आटा बाबा को देने लगती हे.Baba Sidh Goriya ने माता से कहा माता मुझे दूध पिलाओ तो माता मथुरा ने कहा बाबा मेरे घर में तो गाय भैंस नही सिर्फ एक छोटी बछड़ी किसी ने दाने में दी थी हमारे घर दूध नही हे.

बावा सिद्ध गोरिया (Baba Sidh Goriya History In Hindi)

बाबा ने कहा कोई नही किसी के घर से मांग के ले आओ माता कटोरा लेकर पूरे गांव में घूमती हे पर किसी ने दूध नही दिया और मथुरा माई घर वापिस आती हैं और कमरे में जाकर रोने लगती हैं की है भगवान इतना गरीब क्यों बनाया किसी फकीर को है दूध तक नही पीला सकी . उसी समय एक चमत्कार हुआ Sidh Goriya Nath जी ने अपना चिमटा बरगद के पेड़ में मारा और पेड़ हरा हो गया तो माता मथुरा 70 साल की 21 वर्ष की हो गई और उसके सीने से दूध निकलें लगा तो माता ने अपना दूध भरा और बाबे को पीने के लिए दिया.

बावा सिद्ध गोरिया ने मथुरा माई का दूध पिया और धर्म की माता बनाई(Baba Sidh Goriya History In Hindi)

बावा सिद्ध गोरिया जी ने अपना डेरा माता मथुरा माई के घर लगा दिया और गांव बालो ने को मजाक उड़ाया था बाबे ने सबके पशु एक रंग के बना दिए और सारे मथुरा माई के घर आ गए.जब दीतो ब्राह्मण घर पुहंचा तो हैरान हुआ और बाबा ने उसे भी जवान बना दिया और माता पिता की तरह उनकी सेवा करने लगा. जब गांव बालों ने देखा तो सारे बाबा सिद्ध गोरिया के चरणों में समर्पित हो गए और बाबा ने सबको कहा आज के बाद आप सब की गाय पशु में चराऊंगा और ईश्वर  भक्ति में सारा गांव डूब गया सब ने बाबा को अपना गुरु बनाया और आनंद से सभी रहने लगे तो समय बिता तो एक दिन कपिला भैरो ने देखा .

सिद्ध गोरिया तो ये सब क्या कर रहा है संन्यासी होकर परिवार बना कर रह रहा है तो सिद्ध गोरिया ने भैरो बाबा को सारी बात बताई. कपिला भैरो बहा से चला गया और गुरु गोरख नाथ जी को चुगली कर दी की आपका चेला परिवार बसाए है तो गुरु ने भैरो को सिद्ध गोरिया को लाने भेजा जब कपिला भैरो सिद्ध गोरिया के पास आया तो सिद्ध गोरिया ने कहा तूने गुरु को गलत बताया हे चुगली की हे सच तुझे पता था फिर भी तूने गलत किया है

सिद्ध गोरिया ने दूध की नदी बहा दी गुरु के लिए (Sidhu Goriya and Gorakh Nath Ji)

सिद्ध गोरिया ने कपिला भैरो की गलती पर उसे सजा दी और गुस्से में उसे कई कोस फेंक दिया जब गोरख नाथ स्वनखा आए और सिद्ध गोरिया उनके चरणों में समर्पित हुए गोरख नाथ ने कहा चेले क्या चक्कर है भैरो को क्यों मारा तो गुरु को सारा हाल सुनाया और गुरु गोरख नाथ ने कहा तुम सिद्ध योगी हो और जो अपने पिछले जन्म का वचन निभाया है उस से तुम्हे लोग युगों युगों तक याद करते रहेंगे . सिद्ध गोरिया ने सभी गायों को आवाज लगाई और कहा हे माताओं मेरे गुरु मेरे भगवान आए हैं उन्हें दूध पीने को दे तो सभी गायों ने दूध देना शुरू किया और नदी बहने लगा और आज भी उस स्थान से दूध बाली मिट्टी निकलती है जिसे खाने से रोग ठीक होते हैं.

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सिद्ध गोरिया ने जीवित समाधी ले ली

सिद्ध गोरिया (Baba Sidh Goriya full History In Hindi) बावा सिद्ध गोरिया ने गुरु को कहा भगवान आप मुझे समाधि दे और में इस टीले में समा जाना चाहता हूं और धर्म पर चलने वाले लोगों की मदद करूंगा दुखी लोगों के दुख दूर  करूंगा हे गुरु मानव कल्याण के लिए मुझे इस शरीर को त्याग कर आत्मा रूपी प्रकाश से भक्तो को भवसागर से पार कराऊंगा आप मुझे अपने हाथो से समाधी प्रधान करे और गुरु गोरख नाथ जी ने सिद्ध गोरिया को समाधी दी और आज भी समाधी के दर्शन करने से लोगो के दुख दूर होते हैं.बावा के दरबार मे लोग बाबा से अपनी फरियाद करते हैं और सबकी मनोकना पूरी भी होती है.(Baba Sidh Goriya History In Hindi)

बाबा सिद्ध गोरिया के चरणों में हमारी प्रार्थना है की आपके बारे मैं हम क्या लिख सकते हैं योगी चेलों से सुनी कहानियां और आपके आश्रीवाद से आपकी हिस्ट्री लिखी है मुझे मालूम है बहुत सारी गलतियां हुई होंगी है बाबा जी मेरी गलती माफ कर देना (Baba Sidh Goriya History In Hindi) इस कहानी को पढ़ने वाले के ऊपर अपनी दया भी करना मेरे सिद्ध गोरिया जी

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