Shri Krishna Janamashti Puja Vidhi 2024

टाइम्स इंडिया एक्सप्रेस,Publish by,पंडित अनिल रैना, अपडेट,25/8/2024/ Shri Krishna Janamashti,  brat kase kre , कृष्ण जन्माष्टमी व्रत की पूरी विधि और क्या होगा लाभ ,

श्री कृष्ण जन्माष्टमी व्रत: विधि, मंत्र और लाभ Shri Krishna Janamashti)


श्री कृष्ण जन्माष्टमी,(Shri Krishna Janamashti) जिसे केवल जन्माष्टमी या गोकुलाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है, भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का पर्व है। यह हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण है और इसे बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। श्रीकृष्ण का जन्मदिन श्रावण मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस पर्व का मुख्य उद्देश्य भगवान कृष्ण के जीवन और उनके द्वारा दी गई शिक्षाओं का स्मरण करना है। इस दिन व्रत करने और भगवान श्रीकृष्ण का आह्वान करने से व्यक्ति को अनेक लाभ प्राप्त होते हैं।

### जन्माष्टमी व्रत की विधि: (Shri Krishna Janamashti 2024)

**1. व्रत की तैयारी:**
जन्माष्टमी व्रत का पालन करने से पहले इसकी तैयारी करनी चाहिए। व्रत के एक दिन पहले सात्विक भोजन का सेवन करना उचित है। व्रत के दिन प्रातःकाल स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें और मन में व्रत का संकल्प लें। भगवान श्रीकृष्ण के प्रति श्रद्धा और भक्ति भाव रखकर व्रत का संकल्प लिया जाता है।

**2. श्रीकृष्ण की पूजा:**Shri Krishna Janamashti
जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा मुख्य रूप से मध्यरात्रि के समय की जाती है, क्योंकि इसी समय भगवान का जन्म हुआ था। पूजा के लिए एक साफ स्थान पर श्रीकृष्ण की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। इसके बाद निम्नलिखित सामग्री का प्रयोग करें:
  – **पंचामृत**: दूध, दही, घी, शहद और शुद्ध जल का मिश्रण।
  – **फूल**: भगवान को अर्पित करने के लिए ताजे और सुगंधित फूल।
  – **धूप और दीपक**: पूजा के दौरान धूप और घी का दीपक जलाएं।
  – **भोग**: भगवान श्रीकृष्ण को माखन, मिश्री और फल अर्पित करें। अगर संभव हो तो 56 प्रकार के भोग (छप्पन भोग) बनाकर अर्पित करें।
  – **तुलसी पत्र**: भगवान श्रीकृष्ण की पूजा में तुलसी के पत्तों का विशेष महत्व है, इसलिए उन्हें अर्पित करना न भूलें।

**3. व्रत का पालन:**Shri Krishna Janamashti
जन्माष्टमी व्रत में दिन भर उपवास रखने का विधान है। यदि पूर्ण उपवास संभव न हो, तो फलाहार कर सकते हैं। फलाहार में फल, दूध, माखन, मिश्री आदि का सेवन किया जा सकता है। अन्न, चावल, दाल, नमक आदि का त्याग करना चाहिए। व्रत का मुख्य उद्देश्य शरीर और मन की शुद्धि है, इसलिए इसे सच्चे मन और पूरी श्रद्धा से किया जाना चाहिए।

**4. रात्रि जागरण:**(Shri Krishna Janamashti)
जन्माष्टमी के दिन रात्रि जागरण करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। भक्तजन रात्रि भर भजन-कीर्तन करते हैं और भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के समय यानी मध्यरात्रि को विशेष पूजा करते हैं। श्रीकृष्ण जन्म के समय शंख और घंटी बजाकर भगवान का स्वागत किया जाता है और जन्मोत्सव मनाया जाता है।

**5. मंत्र जाप:**
भगवान श्रीकृष्ण के मंत्रों का जाप जन्माष्टमी के दिन अत्यंत फलदायी माना जाता है। निम्नलिखित मंत्रों का जाप करना शुभ होता है:

  – **कृष्ण बीज मंत्र:**
    “`
    “क्लीं कृष्णाय नमः”
    “`
    इस मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करना चाहिए। इस मंत्र से भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

Shri Krishna Janamashti

  – **महामंत्र:**
    “`
    “हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे।
    हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे।।”
    “`
    यह महामंत्र अत्यंत पवित्र और प्रभावशाली है। इसका जाप निरंतर करते रहने से मन को शांति मिलती है और ईश्वर के प्रति भक्ति भाव गहरा होता है।

  – **गोपाल मंत्र:**
    “`
    “ॐ देवकीनन्दनाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि।
    तन्नो कृष्णः प्रचोदयात्।।”
    “`
    यह मंत्र भगवान श्रीकृष्ण के गोपाल रूप का आह्वान करता है। इसका जाप करने से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में शांति और समृद्धि आती है।

### जन्माष्टमी व्रत के लाभ:Shri Krishna Janamashti

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत के अनगिनत लाभ हैं। यह व्रत न केवल आध्यात्मिक उन्नति के लिए, बल्कि जीवन के विभिन्न पहलुओं में भी लाभकारी होता है। आइए जानते हैं इसके प्रमुख लाभ:

**1. आध्यात्मिक शांति:**
जन्माष्टमी व्रत का पालन करने से व्यक्ति को मानसिक और आध्यात्मिक शांति मिलती है। भगवान श्रीकृष्ण की पूजा और उनके नाम का स्मरण करने से मन को शांति मिलती है और चिंता दूर होती है।

**2. पापों का नाश:**
भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन पर व्रत करने से व्यक्ति के पापों का नाश होता है। इस व्रत से भगवान की कृपा प्राप्त होती है और जीवन के पिछले कर्मों के दोषों से मुक्ति मिलती है।

**3. भौतिक समृद्धि:**
श्रीकृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त करने से भौतिक समृद्धि में वृद्धि होती है। व्रत के माध्यम से भगवान की कृपा से व्यक्ति के जीवन में धन-धान्य की कमी नहीं होती और सुख-समृद्धि बनी रहती है।

**4. मोक्ष की प्राप्ति:**

Shri Krishna Janamashti का पालन और भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति से मोक्ष की प्राप्ति होती है। श्रीकृष्ण के प्रति अपार श्रद्धा और भक्ति रखने से व्यक्ति को जीवन और मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिलती है।

**5. परिवार में सुख-शांति:**
जन्माष्टमी (Shri Krishna Janamashti) व्रत करने से परिवार में सुख-शांति और प्रेम बना रहता है। भगवान श्रीकृष्ण के आशीर्वाद से परिवार के सभी सदस्य स्वस्थ, समृद्ध और खुशहाल रहते हैं।

**निष्कर्ष:**

श्री कृष्ण जन्माष्टमी( Shri Krishna Janamashti) भगवान श्रीकृष्ण के प्रति अटूट भक्ति का प्रतीक है। इस व्रत के माध्यम से व्यक्ति न केवल आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त करता है, बल्कि भौतिक और मानसिक शांति भी पाता है। भगवान श्रीकृष्ण के मंत्रों का जाप और उनकी पूजा जीवन के सभी दुखों का नाश करती है और सुख-समृद्धि का आह्वान करती है। इस व्रत का पालन सच्चे मन और श्रद्धा से करने से भगवान की अनंत कृपा प्राप्त होती है, जो जीवन को सुखमय और मंगलमय बनाती है।

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